बिना टिकट यात्रियों को अब बिल्कुल नहीं बख्शेगी रेलवे, SBI Yono के साथ मिलकर कर लिया ये काम, देना ही पड़ेगा हर्जाना
Railway Ticketless Passengers Penalty: बिना टिकट यात्रा करने वाले पैसेंजर्स से जुर्माना वसूलने के लिए सेंट्रल रेलवे ने SBI Yono ऐप से हाथ मिलाया है.
Railway Ticketless Passengers Penalty: बिना टिकट यात्रा करने वालों पर रेलवे काफी सख्त हो चुका है. ऐसा करने वाले पैसेंजर्स के कारण रेलवे को न सिर्फ रेवेन्यू का नुकसान होता है, बल्कि इसके कारण ट्रेनों में बढ़ने वाली भीड़ से साथी पैसेंजर्स को भी ट्रेन में काफी नुकसान होता है. इसे रोकने के लिए रेलवे समय-समय पर टिकट चेकिंग अभियान भी चलाती रहती है. ऐसे ही बिना टिकट वाले पैसेंजर्स को रोकने के लिए सेंट्रल रेलवे (Central Railways) अपने सभी टिकट चेकिंग दस्ते को एडवांस कर दिया है. CR ने अपने TTE को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के SBI YONO App दे दिया है, जिससे अब वो डिजिटली भी हर्जाना वसूलेंगे.
सेंट्रल रेलवे ने एक ट्वीट कर बताया कि बिना टिकट के ट्रैवल करने वाले पैसेंजर्स से अब भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के SBI YONO App के माध्यम से भी डिजिटली जुर्माना लगाया जाएगा. इसके लिए स्टेशनों पर मौजूद TTE और मुंबई डिविजन के टिकट चेकिंग विशेष दस्ते को SBI Yono App दिया गया है.
Now Ticketless travel penalty will also be collected by TTEs digitally through State Bank of India's "SBI YONO App" from ticketless passengers.
— Central Railway (@Central_Railway) July 19, 2023
The app has been provided to all TTEs at Stations and to ticket checking special Squads of Mumbai division. pic.twitter.com/chKzK18wJu
सेंट्रल रेलवे ने काटा रिकॉर्ड जुर्माना
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वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान सेंट्रल रेलवे ने टिकट चेकिंग से कुल 235.50 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा था, जबकि इसे 48.86 लाख मामलों से कुल 303.37 करोड़ रुपये की कमाई हो गई है. यानि रेलवे ने अपने टार्गेट से 41.50 फीसदी अधिक कमाई की है. यह पहली बार है कि किसी जोनल रेलवे ने यह मुकाम हासिल किया है.
कहां हुई कितनी कमाई
चालू वित्तीय वर्ष में जून 2023 तक, Central Railway ने टिकट चेकिंग के कुल 1339.55 हजार मामले दर्ज किए हैं और 94.04 करोड़ रुपये की कमाई की है. जबकि इस दौरान रेलवे का 1067.25 हजार मामले के साथ 6649.25 करोड़ मामलों का टार्गेट था. इस प्रकार टिकट चेकिंग मामलों में अभी तक सेंट्रल रेलवे ने 25.51 फीसदी और रेवेन्यू कलेक्शन के मामले में 41.42 फीसदी आगे है.
कहां हुई सबसे अधिक चेकिंग
सेंट्रल रेलवे ने बताया कि इस तरह की उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने में रेलवे मजिस्ट्रेट के अधीन मजिस्ट्रियल टिकट जांच महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. रेलवे मजिस्ट्रेट टिकट जांच मध्य रेल के विभिन्न रेलवे स्टेशनों यानी छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, कल्याण, भुसावल, मनमाड, खंडवा, नागपुर, दौंड और पुणे में तैनात हैं. मजिस्ट्रेट दस्ते के रूप में जुड़े टिकट चेकिंग स्टाफ और आरपीएफ कर्मी रेलवे मजिस्ट्रेटों के साथ होते हैं जो चलती ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर टिकट जांच करते हैं.
इन मामलों में होती है कार्रवाई
विभिन्न प्रकार के अपराधों के लिए उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के आधार पर पकड़े गए व्यक्तियों पर भारतीय रेलवे अधिनियम की धारा 137, 139, 141, 142, 143, 147, 155, 156, 157 और 162 के तहत रेलवे मजिस्ट्रेट द्वारा हुक्मनामा फैसला सुनाया जाता है. महाराष्ट्र राज्य के अधिकार क्षेत्र में, चलती ट्रेनों में जांच की जाती है और स्टेशनों पर अदालतें आयोजित की जाती हैं, जबकि मध्य रेल के मध्य प्रदेश क्षेत्र में, चलती ट्रेन में ही जाँच और मोबाइल अदालतें आयोजित की जाती हैं.
ऑन द स्पॉट जुर्माना लगाते हैं अधिकारी
रेलवे मजिस्ट्रेट अपने मासिक कार्यक्रम के अनुसार स्पॉट-कोर्ट आयोजित करते हैं. चेकिंग स्टाफ और आरपीएफ कर्मी मजिस्ट्रेट की सहायता के लिए अदालत के दल से जुड़े होते हैं जो चलती ट्रेनों और स्टेशनों पर जांच करते हैं और मौके पर ही जुर्माना लगाते हैं.
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